त्रिलोकपुरी: मौजूदा AAP विधायक को टिकट नहीं, नए चेहरे पर पार्टी ने लगाया है दांव
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक त्रिलोकपुरी है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित यह सीट पूर्वी दिल्ली में पड़ती है. एक समय में इस इलाके में सिर्फ झुग्गियां और गंदगी थी लेकिन 1975-76 में इसे विकसित किया गया और सरकार ने यहां रिहाइशी कॉलोनियों का निर्माण कराया. 1993 में त्रिलोकपुरी विधानसभा क्षेत्र बना और यहां से पहली बार कांग्रेस के ब्रह्म पाल चुनाव जीते. 1998 और 2003 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के ब्रह्म पाल का दबदबा कायम रहा. लगातार तीन बार चुनाव जीतने वाली कांग्रेस को 2008 में यहां से हार का सामना करना पड़ा और भारतीय जनता पार्टी के सुनील कुमार विधायक बने.
2013 और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस सीट से आम आदमी पार्टी के राजू ढींगन विधायक बने. हालांकि इस बार आप ने ढींगन का टिकट काट दिया है और रोहित कुमार महरौलिया को अपना उम्मीदवार बनाया है. त्रिलोकपुरी विधानसभा सीट के लिए आठ फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को नतीजे आएंगे.
1993 से लेकर अबतक इस सीट से बीजेपी को मात्र एक बार जीत हासिल हुई है. पिछले दो चुनावों में आप के उम्मीदवार यहां से विजयी रहे. बीजेपी ने अभी तक इस सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित इस क्षेत्र में एक लाख 80 हजार के करीब मतदाता हैं.
2015 विधानसभा चुनाव में त्रिलोकपुरी सीट का हाल
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 1 लाख 27 हजार 778 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. आम आदमी पार्टी के राजू ढींगन को 74 हजार 907 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी की किरण वैद्य को 45 हजार 153 वोट प्राप्त हुए थे. राजू करीब-करीब 30 हजार वोट से जीतने में कामयाब रहे थे. वहीं कांग्रेस के ब्रह्म पाल को चार हजार 149 वोट से संतोष करना पड़ा था जबकि चौथे नंबर पर रहे बीएसपी के डॉ गिरिश दो हजार 217 वोट हासिल करने में सफल हुए थे.